अपनी बेटी की दोनों सीले तोड़ पेला।Indian sex story

 दोस्तो, आज इस सेक्स कहानी में मैंने अपनी मुंहबोली बेटी की है कि मैंने कैसे अपनी  बेटी अंकिता की चूत और गांड की सील तोड़ के पेला . असल में अंकिता मेरी दूसरी  बीवी की  बेटी है,हमारी पहली पत्नी मुझे शोडकर चली गई थी.उसके बाद मैंने दूसरी शादी कर ली उसकी एक बेटी भी थी पहले से तो वो उसको साथ ही ले आई और वो भी हमारे साथ रहती थी।और वो कभी कभी हमारे साथ बिस्तर पे भी लेट जाती थी,जिससे कई बार मैं उसके सामने ही रात में उसकी माँ की चुदाई करता था।कई बार वो शोर सुनके जाग जाती थी ,और चुपचाप हमारी चुदाई का आनंद लेते हुए अपनी चूत में उँगली ले लेती थी।मैं भी उसको चोदने के चक्कर में रहता था पर उसकी माँ की वजह से मैं उसकी चुदाईं नी कर पा रहा था।

मेरी बेटी अंकिता 18 साल की है. उसका फ़िगर 34-30-36 का है ।उसके गोल गोल चूचे 34 इंच के हैं, लचीली सी कमर 30 इंच की है और उठी हुई मोटी गांड 36 इंच की है.उसकी गाँड देख के मेरा लण्ड हर समय खड़ा रहता। वो बहुत ही मस्त माल है. उसकी चूत पर अभी हल्के हल्के बाल उगना शुरू हुए हैं.उसकी गोरी गोरी जाघें  और चूसने वाले रसील होंठ उसकी बड़ी बड़ी आंखें , लम्बे और घने बाल। बस यूं समझो कि वह किसी परी से कम नहीं थी और मैं हमेशा उसको चोदने की फ़िराक़ में रहता था।

उसका फ़िगर एसा था की जो भी एक बार उसे चोद ले, तो मरने के बाद भी ना भूले. कई बार मैंने अपनी बेटी की टाइट चूत के दर्शन करे थे.जब वह अपनी चूत में उँगली करती थी।वो ज़्यादातर फ़्रॉक पहन के रखती थी,जिससे रात में सोते समय कभी कभी उसकी फ़्रॉक ऊपर हो जाने की वजह से उसकी गाँड के दर्शन हो जाते थे।

मेरी बेटी को चोदने का हसीन समय मेरी ज़िंदगी में जल्दी ही आ गया जब मेरी बीवी अपने मायके चली गई,वो अंकिता को साथ नहीं ले गई क्यूकी वह स्कूल जाती थी।साम को घर वापस आया हम दोनों ने ख़ाना खाया और लेट गये।अंकिता मेरे साथ ही मेरे बेड पर लेट गई।थोड़ी देर मुझे कब नींद आ गई मुझे पता नी चला ,जब रात में मेरी आँख खुली तो मैंने देखा की अंकिता मेरी तरफ़ गाँड करके लेती हुई थी और उसकी फ़्रॉक उसकी कमर तक चाढ़ गई थी,जिसकी वजह से उनकी गाँड साफ़ साफ़ दिख रही थी।यह नजारा देख मेरा लण्ड खड़ा हो गया और सोचा आज तो मैं इसकी गोल गाँड में अपना लण्ड डाल ही दूगा।उसने लाल रंग की पेंटी पहनी थी।मेरा लण्ड तो जैसे मेरे अंडरवियर को फाड़ के बाहर निकल रहा हो,मैंने अपनी अंडरवियर उतार दी और अपने लंड को सहलाने लगा।मुझसे रहा नी गया और में आगे होकर अपना लण्ड उसकी गाँड पर रगड़ने लगा।मैंने उसकी पेंटी को थोड़ा खींच के फाड़ डाला ।अब उसकी चूत और गाँड का सेद साफ़ साफ़ उजागर हो रहा था।मैं अपना लण्ड उसकी गाँड से रगड़ते हुए उसके चूत के होठों पर रगड़ने लगा।

अंकिता सायद नींद में थी या जान बूझकर कुछ नी कह रही थी।मैं अपने लण्ड को पीछे से उसकी चूत पर रगड़ रहा था,उसकी चूत आग की तरह गरम लग रही थी,थोड़ी देर में वो सिसकारियाँ लेने लगी वो पूरी तरह से गरम थी,तभी उसने हाथ पीछे करके मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली-पापा आज अपनी बेटी की चुदाई कर दो,आह आज मेरी सील तोड़ के मेरी चूत फाड़ दो,जैसे मम्मी की चुदाई करते है वेसे मुझे भी मज़े दो ।आह 

उसकी बात सुनके मुझे और जोश आ गया,मैंने उसको सीधा करके उसके सारे कपड़े उतार दिये और उसके चूचे चूसने लगा,उसके लाल होठों को चूसने लगा।मेरा लंड उसकी चूत पर रगड़ रहा था।थोड़ी देर बाद मैंने उसकी टाँगे फैला दी और उसकी चूत चाटने लगा,उसकी चूत बहुत स्वादिष्ट थी।मैं बड़बड़ाने लगा- आह्ह्ह चूत में क्या मजा आ रहा है … बड़ी टाइट चूत है मेरी बिटिया की.

अब उसकी सिसकारियां पूरे कमरे में दौड़ने लगी थीं.

उस की आवाजें तेज होने लगीं- आह्ह्ह  … चोदो अपनी रानी को … आह्ह्ह ओहहह ऊव्वीईइ … उवीईईइ अम्मी मसल डाला मेरे बाप ने नाजुक कली को … आह्ह अब्बू ऊह्ह्ह अब्बू.

उसकी गर्म सांसें मेरे चहेरे पर पड़ने लगीं … और सिसकारियां तेज हो गईं.

उस की मादक आवाजों से कमरा गूंजने लगा था.

वो मुझसे विनती करने लगी की पूरी ताकत से जोर जोर से चोदो …  अपनी बेटी को मसल दो … आह अपनी बिटिया को चोद दो … अच्छी तरह से रगड़ दो आज मुझे. मैं अपने पापा में पूरी तरह से समा जाना चाहती हूँ … आह निचोड़ दो मुझे ।

 कराह रही थी चोद दो मुझे पापा आह,मेरी चूत फाड़ दो अपना लण्ड डालके।

मैंने अब अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर सेट किया और अंदर घुसाने लगा लेकिन मेरा मोटा 7 इंच का लंड उसकी छोटी चूत में नी जा रहा था क्यूकी अभी तक वो सील पैक थी।मैंने अपने लण्ड पर थूक लगा के अंदर घुसाने की कोसिस करी वो थोड़ा अंदर जा रहा था।अंकिता आह आह और घुसाओ पापा और अंदर तक फाड़ दो अपनी बेटी की चूत ।उसकी आवाज़े सुन मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया।

वह चिल्लाने लगी,उसकी आँखों से आँशु निकालने लगे बोली आह मेरी चूत फाड़ दी रुको रुको पापा।पर मेरा लंड अब रुकने वाला कहा था में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसकी टाइट बुर चोद रहा था।मेरा लण्ड पूरी तरह से उसको चोदे जा रहा था,थोड़ी देर में वो शांत हो गई और चुदाई का मज़ा लेने लगी।आह आह चोदो अपनी बेटी को मज़ा आ गया और तेज और तेज चोदो।

क़रीब एक घंटे चुदाई के बाद मेरा माल छूटने वाला था मैंने अपने लंड को उसकी चूत से निकाल उसके मुँह में दिया और सारा माल उसके मुंह में गिरा दिया वो भी स्वाद से सारा माल पी गई।उस रात हमने 4,5 बार चुदाई करी और अपनी बेटी की प्यास बुझाई।जब तक मेरी वाइफ नी आई हम एसे ही दिन रात चुदाई करते रहे।

लेकिन मेरा मन अभी भी उसकी गाँड पर था।मैंने उसको बोला की में तुम्हारी गोल गाँड चोदना चाहता हूँ तो अंकिता ने मना करते हुए कहा कि पापा अभी नहीं ,अभी तक मेरी चूत का दर्द ख़त्म नहीं हुआ अगर गाँड चुदवा ली तो चल भी नहीं पाऊँगी।3,4 दिन मेरी वाइफ़ नी आई तब तक में उसकी चूत मारता रहा ,मैं जैसे ही उसकी गाँड पर हाथ फेरता तो वह  समझ जाती थी अब मैं उसे चोदना चाहता हूँ।वो बहुत सेक्सी, हॉट और सुंदर हे कि दिन मैं दो तीन बार उसकी चुदाई करके भी मन नहीं भरता था।मेरी पत्नी घर आ गई और हमारी अब चुदाई का सिलसिला कुछ कम हो गया ।कभी कभी ही अब में उसे चोद पाता था।

मैं जब भी उसको उसकी शादी के बारे में पूछता तो वो हर बार मुझे मना कर देती रही और कहती रही कि पापा मुझे आपके लंड की लत गयी है. बस मैं तो जिंदगी भर आपसे ही चुदना चाहती हूँ. आपका लंड दुनिया का सबसे बेस्ट लंड है. मेरी चूत पर एकदम फिट बैठता है.

मैं  अपनी अंकिता बेटी को कई बार पेल चुका था।लेकिन उसकी गाँड चोदने का मेरा सपना पूरा नहीं हुआ था।

कुछ ही दिन बाद, पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से सब कुछ बंद हो गया था, तो सब्जी लेने दूर जाना पड़ता था और सब्जियां भी सुबह ही लानी पड़ती थीं. आने जाने में काफी वक्त लगता था.

तो उस दिन मेरी बीवी सब्जी लेने चली गयी. उसे वापस आने में पूरा 1.30 घंटा लगना था. उस समय सुबह के नौ बज रहे थे. घर में मैं और मेरी बेटी अंकिता ही थी. उस दिन बहुत खुशनुमा मौसम था.

मेरी बेटी अंकिता नहा कर बाहर आई और किचन में चली गयी. उसने अपने नंगे जिस्म को सिर्फ टॉवेल से ढका हुआ था.

मैं किचन में चाय बनाने गया, तो देखा कि मेरी बेटी वहां टॉवेल में खड़ी चाय बना रही थी. उसका भीगा जिस्म, भीगे बाल बड़ा मदमस्त लग रहा था. ऊपर से उसने केवल टॉवेल लपेट रखा था , जिससे उसका आधा नंगा जिस्म मेरे लंड में हवा भर रहा था.

सच में इस वक्त वो कितनी खूबसूरत सेक्सी और हॉट लग रही थी. एकदम मिया ख़लीफ़ा की तरह. बड़ा ही मस्त उसकी गाँड साफ़ दिख रही थी. उसे देखते ही मेरा लौड़ा खड़ा हो गया. मैंने बिना सोचे समझे उसे पीछे से दबोच लिया.मुझसे रहा नी गया उसे देख के।

उसने कहा- पापा ये क्या कर रहे हो , छोड़ो मम्मी आ जाएगी.
मैंने कहा- इतना मस्त माल कैसे छोड़ दूं. ऐसे माल को ऐसी हालत में देख कर मैं बिना चोदे नहीं रह सकता. तू आज बड़ी मस्त सेक्सी लग रही है.

मैं उसके मम्मे मसलने लगा. एक हाथ से उसकी चूची दबाता रहा और दूसरे हाथ से उसका टॉवेल ऊपर करके उसकी गांड सहलाता रहा.

अंकिता ने अन्दर से ब्रा पेंटी नहीं पहन रखी थी. उसका अन्दर से चुदने का बहुत मन हो रहा था । मगर बाहरी मन से बार बार अपने आपको छुड़वाने की कोशिश कर रही थी.

कुछ देर एक मैं ऐसे ही करता रहा. उसके बाद मैं उसका मुँह अपनी तरफ करके उसके कोमल और मखमली होंठ चूसने लगा. दोनों हाथों को उसके गालों पर रख कर उसके होंठों का रसपान करने लगा.

आह्ह  क्या शहद भरे होंठ हैं मेरी अंकिता के गुलाब की पंखुड़ियों की तरह कोमल.

अब वों भी गर्म होने लग गयी थी. वो भी मेरे होंठ चूसे जा रही थी. कुछ ही पलों में वो कुछ ज्यादा ही गर्म होने लगी और मुझे जगह जगह किस करने लगी. कभी वो मेरे माथे को, कभी गाल को, कभी गले पर चूमती रही. उसका हर एक चुम्बन मेरे शरीर में एक हलचल पैदा कर रहा था.

इतने में मैंने उसका टॉवेल उसके जिस्म से अलग करके उसको पूरा नंगी कर दिया.

आह्ह क्या मस्त संगमरमर सा ग़दर माल मेरी आँखों को मदहोश करने लगा था. जन्नत की हूरों सा बदन. 

अब मैंने उसको  किचन की स्लैब पर बिठा दिया और उसकी टांगें फैलाकर उसकी चूत चाटने लगा. मेरी जीभ अन्दर तक उसकी चूत का आनन्द ले रही थी.

वो भी चुदाई के लिए गर्म होने लगी और आहें भरने लगी. उसकी सिसकारी तेज होने लगी. उसकी  बुर से पानी रिसने लगा था.

‘ओहहह आह …’

मैं उसकी चूत से हल्का हल्का निकलता पानी भी चाट रहा था और जीभ भी अन्दर तक डाल रहा था.

काफी देर तक मैं उसकी चूत का रसपान करता रहा. अब मेरी अंकिता बहुत गर्म हो चुकी थी.

वो कहने लगी- पापा  अब रहा नहीं जा रहा है जल्दी से अन्दर पेल दो.

मुझसे कई बार चुद जाने के बाद उसकी शर्म खत्म हो चुकी थी. तो वो खुद ही कहने लगी थी- आह मेरे राजा कब चोदोगे अपनी बेटी को … आंह जल्दी पेलो ना … फिर अम्मी आ जाएगी. मेरा मन सुबह सुबह चुदने का बिल्कुल नहीं था … पर आप हो ही इतने सेक्सी कि मुझे चुदने के लिए मजबूर कर दिया. अब जल्दी से अपना सात इंच का लौड़ा मेरी मुलायम चूत में डाल कर मेरी मासूम चूत चोद दो.

मैंने उससे कहा- बेटी, मेरा आज तेरी गांड की चुदाई का मन कर रहा है.
उसने कहा-  जो करना है  कर लो पर जल्दी करो.

मुझे पता था मेरा लंड उसकी गांड में आसानी से नहीं घुसेगा  तो मैंने वहीं किचन से तेल निकालकर अंकिता से कहा- बेटा पहले अपने पापा के लंड की मालिश कर दे तभी ये तेरी कुंवारी गांड में घुस पाएगा.

अंकिता ने पहले लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया. काफी देर तक वो मेरा लंड ऐसे ही चूसती रही एक पोर्न स्टार की तरह से मेरे लंड को न केवल चूस रही थी  बल्कि मेरी गोटियों को भी चूस रही थी.

दस मिनट तक वो मेरा लंड चूसती रही  तो मेरे लंड का माल गिरने वाला हो गया.

मैंने कहा-  बेटा, मैं झड़ने वाला हूँ.

पर उसने मेरी बात को अनसुनी कर दी और मेरा लंड चूसती रही. बस फिर क्या था … वही हुआ … मेरे लंड का सारा वीर्य उसके मुँह के अन्दर चला गया. उसने सारा माल मजे लेते हुए चाट लिया और मेरा लंड चूस कर भी साफ़ कर दिया.

अब वो कहने लगी- पापा, आपके लंड का वीर्य इतने टेस्टी है कि मैं सारा पी गयी … बहुत ही मस्त स्वाद था.

उसके बाद अंकिता मेरे सीने से चिपक गयी. कुछ देर ऐसे रहने के बाद पूछने लगी-  आपका लंड दुबारा कब खड़ा होगा … आपको अपनी बेटी की गांड की चुदाई भी तो करनी है न!
मैंने कहा- मैं तेरे सामने हूँ  तू जब चाहे तो मेरा लंड खड़ा कर सकती है.

वो मुस्कुरा दी. फिर उसने अचानक से फ्रिज से मलाई निकाली और मेरे लंड पर लगा कर उसे चाटने लगी. मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चाट चाटकर उसने मेरा लंड लाल कर दिया.

मैंने उससे कहा- बेटा तूने तो चाट चाटकर मेरा लंड लाल कर दिया.
तो वो हंस कर कहने लगी- आप भी तो मेरी चूत बजा बजाकर लाल कर देते हो.

फिर उसने मेरे लंड पर तेल की मालिश करना शुरू कर दिया. काफी देर तक तो खूब सारा तेल लगा कर मालिश करती रही.

अब मेरा लंड दुबारा खड़ा हो गया था.

अंकिता तो अभी गर्म ही थी … कहने लगी- पापा मेरी प्यास कब बुझाओगे?
मैंने कहा- अभी लो बेटी.

इतने में मैंने उसकी चूत में उंगली डालना शुरू कर दिया और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा. उसे खूब मजा आ रहा था.

थोड़ी देर ऐसे ही करते हुए मेरा लंड उसकी गांड में घुसने के लिए बिल्कुल तैयार हो गया था. आज मैं अपनी  बिटिया की गांड की चुदाई करने के लिए बेचैन था.

मैंने कहा- अंकिता, तेरे पापा का लंड कड़क हो गया है.
वो कहने लगी-  अब देरी मत करो … मार दे आज अपनी नाजुक बिटिया की गांड.
मैंने उससे कहा- तो चल बेडरूम में … वहीं तेरी गांड मारूंगा.
उसने कहा- हां चलो.

हम दोनों चलने लगे, तो वो तेल की शीशी उठाकर मुझसे कहने लगी- अपनी  बिटिया को ऐसे ही ले जाओगे … गोदी में उठा कर ले चलो.

मैंने अपनी नंगी बिटिया को गोदी में उठाया और वो मेरे होंठ चूसती हुई मेरे साथ खेलने लगी.

मैं उसे बेडरूम में ले आया और बेड पर पटक दिया. उसे उल्टा करके उसकी गांड को चूमने लगा. अपने जीभ से उसकी गांड को चाटने लगा.

आह्ह क्या मस्त गांड थी मेरी बिटिया की.

खूब देर तक मैं उसकी गांड चाटता रहा. मेरे लंड पर तेल तो पहले से ही लगा हुआ था, तो मैंने शीशी से थोड़ा तेल लेकर अपनी बिटिया की गांड में भी डाल दिया.

फिर मैं अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रख कर अन्दर पेलने लगा. पहली बार होने के कारण उसकी गांड में लंड नहीं घुस रहा था.

मैंने थोड़ा सा धक्का मारा तो थोड़ा सा अन्दर चला गया.

मेरी बेटी  चिल्लाने लगी- बहुत दर्द हो रहा है … आंह अपना लंड बाहर निकालो … प्लीज बाहर निकालो.

मैंने कहा- बेटा जब मैंने पहली बार तेरी चूत की सील थोड़ी थी, तब भी तो दर्द हुआ था. बस थोड़ी देर दर्द होगा. थोड़ी देर ऐसा ही चुप रह … फिर मजा आएगा.
वो शांत हो गई.
मैं भी बिना हिले पड़ा रहा.

कुछ देर बाद मैंने एक ही झटके में पूरा लंड अपनी बेटी की गांड में पेल दिया.
उसका दर्द से बुरा हाल हो गया. उसके आंसू निकल आए. वो चिल्ला रही थी.

मुझे उसका चिल्लाना बहुत मजा दे रहा था. मगर मैं रुका नहीं, धीरे धीरे उस की गांड में धक्का मारने लगा.

पांच मिनट तक मैं ऐसा ही बेटी की गांड की चुदाई करता रहा. अब उस का दर्द कम होने लगा और वो भी साथ देने लगी. मेरी बेटी अपनी गांड को उछाल उछाल कर मेरे लंड के मजे लेने लगी.

वो कहने लगी- आंह आज अपने पापा से गांड चुदाई करवाने में कितना मजा रहा है … वोहह आह खूब गांड मारो अपनी बिटिया की  आह फाड़ दो अपनी बेटी की गांड … ओहह मेरे राजा … और जोर से धक्का मारो।

उसकी आवाजें सुनकर मेरे धक्कों की स्पीड बढ़ चुकी थी.

मेरी बेटी कहने लगी- अ जब माल छूटने वाला हो … तो लंड सीधे चूत में पेल देना और और लंड का माल चूत में छोड़ कर मुझे मम्मी बना देना … आहह पापा..आई लव यू मेरा जानू … मेरे स्वीट हार्ट … आह्ह पेलो ,पेलो.

मैं ऐसे ही उस की गांड में धक्का मारता रहा. कुछ देर बाद मैंने अंकिता को सीधी साइड करके फिर से उसकी गांड में लंड पेलकर गांड मारने लगा और साथ उसकी चूचियां भी दबाने लगा.

वो मेरे मुँह को नीचे खींच कर मेरे होंठ अपने अपने होंठ पर लगा कर चूसने लगी. मैं भी उसके होंठ चूसने लगा.

लंड की गांड में धक्कों की स्पीड जारी थी.

मैंने कहा- बेटा, मैं झड़ने वाला हूँ.
वो कहने लगी- पापा … थोड़ा रूककर लंड चूत में भी डालो न.

तो मैं थोड़ा रुका और मैंने भी उसकी टांगें खड़ी करके एक झटके में लंड चूत में डालकर उस को चोदने लगा.

मैं बड़बड़ाने लगा- आह्ह्ह चूत में क्या मजा आ रहा है … बड़ी टाइट चूत है मेरी बिटिया की.

अब उसकी सिसकारियां पूरे कमरे में दौड़ने लगी थीं.

उस की आवाजें तेज होने लगीं- आह्ह्ह  … चोदो अपनी रानी को … आह्ह्ह ओहहह ऊव्वीईइ … उवीईईइ अम्मी मसल डाला मेरे बाप ने नाजुक कली को … आह्ह अब्बू ऊह्ह्ह अब्बू.

उसकी गर्म सांसें मेरे चहेरे पर पड़ने लगीं … और सिसकारियां तेज हो गईं.

उस की मादक आवाजों से कमरा गूंजने लगा था.

वो मुझसे विनती करने लगी की पूरी ताकत से जोर जोर से चोदो … अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा कर अपनी बेटी को मसल दो … आह अपनी बिटिया को चोद दो … अच्छी तरह से रगड़ दो आज मुझे. मैं अपने पापा में पूरी तरह से समा जाना चाहती हूँ … आह निचोड़ दो मुझे ।

कुछ देर ऐसे ही धक्के मार कर मैंने अपने लंड का माल उसकी चूत में ही अन्दर छोड़ दिया.

कुछ देर लंड चुत में फंसाए रखा और उसके बाद बाहर निकाला, तो उस ने मेरा लंड चूस कर साफ़ कर दिया.

उसने मुझे सीने से लगा कर मुझे खूब चूमा और कहा- आपने आज गांड और चूत दोनों में खूब मजा दिया … सच कहूँ पापा  तो सुबह सुबह चुदने का अलग ही मजा है. अब हम ज्यादातर सुबह ही चुदाई का मजा लेंगे. जब मैं बाथरूम में नहा रही थी, तो मैं उस समय यही सोच रही थी कि काश मेरे पापा बाथरूम में आकर अपनी बिटिया को खूब पेल दें. उस समय चुदने का मेरा बहुत मन था. जब मैं साबुन को अपनी झांटों पर लगाया तो खूब झाग बना और मेरी चूत गर्म हो गयी.

मैंने कहा- कोई बात नहीं बेटा, अब जब भी बाथरूम में चुदने का मन हो, तो बता दिया कर  तेरे जैसी मस्त माल को तो मैं कहीं भी चोद ही दूंगा  छोडूंगा थोड़ी  और हां बेटा आज सच में सुबह सुबह तेरी गांड मारने में बहुत मजा आया.

मैं फिर से उसके होंठ चूसने लगा और वो मेरी छाती से चिपक कर अपनी चूचियां मुझसे रगड़वाने लगी.

तो दोस्तो, ये थी मेरी  बेटी की चुदाई की कहानी comment करके जरुर बताए।



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