चाँदनी,चाँदनी रात में चुद गई| hindi sex story

 


  • मेरा नाम चाँदनी है और मैं कानपुर के एक छोटे से गाँव में रहती हूँ ।मेरी age २६ साल की ही । मेरा फ़िगर 32-30-32.आप इससे अंदाज़ा लगा स्सकते हे की मैं किसी को भी पसंद आ जाऊँ एसी लड़की को हर कोई चोदना चाहेगा मेरी गाँड देख के हर किसी का लंड खड़ा हो जाता था,मेरी  आँखें नशीली और मैं गोरी चिट्टी हूँ। अगर अंधेरे कमरे में भी चली जाऊं तो रौशनी हो जाए। मेरी फिगर अच्छी है जो किसी को भी घायल करने के लिए काफी है। आप लोग मेरी फिगर से समझ गए होंगे कि मैं कितनी सेक्सी हूँ। मेरी ये फिगर आठ मर्दों की अथक चुदाई और मेहनत का परिणाम है। मेरा एक 3 साल का बेटा है। लेकिन मुझे आज तक यह पता नहीं चला कि मेरे बेटे का बाप इन आठों में से कौन है या फिर आठों ही मेरे बेटे का बाप है। कहानी शुरू करने से पहले आप सभी से विनती है की मेरी से दो दो बूंद दूध पी लें, क्योंकि कहा जाता है कुछ करने से पहले मुँह मीठा करना चाहिए और लोग कहते है की मेरा दूध काफी मीठा है और हाँ कोई भी दोगुने से ज्यादा ना पिये। अगर सारा दूध आप लोग पी लेंगे तो मेरा बेटा भूका रह जाएगा। अब कहानी पर आती हूँ मेरी चढ़ती जवानी कालेज वाले कहानी।

  •  मेरी शादी से पहले की है। मेरा शरीर बचपन से ही भरा पूरा है। जब मैं स्कूल में पढ़ती थी तब मैं जवानी के दहेज पर पहला कदम रखा और लोगों की गंदी नजर मेरे पर पड़ने लगी थी। जब मैं 10 वीं में पढ़ती थी, तभी से स्कूल के सारे लड़के मुझ पर मरते थे। लड़की ही नहीं सारे टीचर भी मुझ पर फिदा थे। मेरा मैथ शुरू से ही खराब था। इसका पूरा फायदा मैथ के टीचर उठाते थे। वे जानबूझकर मेरे गालों को टच कर देते थे। जब भी वह मुझे अकेले देखते, मेरी गुप्त अंगों को भी छेड़ देते थे। मैं जैसे तैसे 12 वीं पास करके कॉलेज गयी तब तक मैं अच्छी खासी जवान हो गई थी। जिस गली से निकलती लोग मुझे घूरते। लड़के मुझे गंदे गंदे कमेंट करते। मुझे अब यह अच्छी लगने लगी थी इसलिए मैं भी जानबूझकर छोटे और टाइट् कपड़े पहनने लगी थी। मैं अपने कॉलेज की मॉडल कहलाती थी। मैं कॉलेज पढ़ने नहीं, गंदे कमेंट्स सुनने जाती थी। गंदे कमेंट सुन सुन कर मेरे अंदर की जवानी जागने लगी थी।अब मेरा मन भी चुदने का कर रहा था की कोई मेरी चूत में लंड डाल के मुझे चोदे। मैं अपने आप को जैसे तैसे संभल पाती थी। कॉलेज के कई लड़के मुझे चोदना  चाहते थे। लेकिन मैं किसी को भाव नहीं देती थी या यूं कहें कि दिल को कोई भय नहीं, लेकिन एक लड़का था जिसका नाम संतोष था, जिससे मैं चुदना चाहती थी और मुझे चाहता था, लेकिन हमारी बात भी ठीक से नहीं हो पाती थी। हमेशा एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा देते, ऐसे करते करते 1 साल निकल गया।

  •  मेरा प्यार मेरा यार 1 दिन मेरे मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। जब मैंने फ़ोन उठाया तो सामने से जवाब आया मैं संतोष,मैं तो नाम सुनते ही मैं चौंक गई कि इसे मेरा नम्बर कहाँ से मिला? 

  • फिर उसने बताया की मेरी सहेली से लिया, धीरे धीरे हमारी बात होने लगी। पूरा दिन हम फ़ोन पर ही लगे रहते थे। अब कॉलेज में भी हम साथ घूमते रहते हमारी दोस्ती का प्यार में बदल गई। हमें पता ही नहीं लगा। धीरे हम करीब आते गए। हम कहीं भी शुरू हो जाते थे, चाहे वह कालेज़  हो  या बाग । सुनसान रास्ता बस मौके की तलाश में रहते थे। जहाँ मौका मिलता मेरे पड़ोस में शादी थी, घर से दूर एक फार्म हाउस में थी। शादी में मम्मी, पापा और मैं जाने वाले थे पर अचानक पापा की तबियत खराब हो गई। तब मम्मी बोली बेटा तुम अकेली चली जाओ। मैं तुम्हारे पापा के पास रखती हूँ, मैं बोली ठीक है और तैयार होने चली गयी। मैं एक जीन्स टॉप पहन कर चली गई। वहाँ जैसे ही पहुंची सारे दोस्त मुझे दुल्हन के कमरे में ले गए। सब हँसी मजाक कर रहे थे तभी एक दोस्त बोली यार तुम ये क्या पहन कर आये हो? मैं बोली कितनी अच्छी तो है तब सब कहने लगी  सूट पहन कर आती। तभी एक सहेली  छोटी स्कर्ट और टॉप लेकर आयी। बोली रानी तू ये पहन ले मैं बोली पागल हो गयी हो क्या ये पहनने से अच्छा तो मैं नंगी ही रेह लूँ, सब बोली आइडिया भी बुरा नहीं है और सब हंसने लगी। जब बारात आने वाली थी तो सारी लड़कियों ने मिलकर मुझे जबरन मिनी स्कर्ट टॉप और हाईहील की सैंडल पहना दी। उसका जितनी काफी छोटी थी, जिसकी वजह से काफी टाइप थी और इतनी छोटी थी कि अगर आगे की ओर झुक गयी तो मेरी गाँड पूरी दिख जाए।  टाप तो मानो किसी बच्ची का हो लग रहा था की मेरे दूध मानो उसे फाड़कर बाहर आ जाएगी। कुल मिलाकर तो हम तो इन कपड़ों में पटाका लग रही थी। पार्टी में कहीं भी जाती, सब मुझे वहाँ खा जाने वाली नजरों से देख रहे थे। ऐसा लग रहा था कि सब मिलकर मेरी चुदाई ना कर दें। मैं सबकी नजरों से बचते बचाते एक साइड हो गई।

  •  तभी एक पड़ोस के अंकल मेरे पास आए और बोले बेटा कोई परेशानी है? मैं बोली नहीं, हम कल फिर भी मेरे कान के पास आकर बोले आज काफी हॉट लग रही हो। मैं यह बात सुनकर अवाक रह गई की ये मेरे पापा के दोस्त है और ऐसी बातें कर रहे हैं। अंकल जाते जाते मेरी चूची दबाकर चले गए। अंकल के दबाने से मैं गर्म सी हो गई थी तभी बारात आ गयी। सब डांस कर रहे थे, मुझसे भी जबरन डांस करवाने लगे। बारात के कुछ लड़के मेरे साथ चिपक चिपक कर डांस कर रहे थे। या यूं कहें की भीड़ का फायदा उठा रहे थे। मुझे भी काफी मज़ा आ रहा था। मैंने सोचा कि अगर मैं यहाँ रुकी तो ये लोग छोड़ेंगे नहीं। मैं जैसे तैसे वहाँ से निकली मैं इतनी गर्म हो गई थी। पार्टी में जिसे भी मौका मिलता मेरे दूध दबाके चलता मैंने सोचा की खाना खाकर सो जाती हूँ नहीं तो आज बच नहीं पाऊंगी। मैं खाना खाने जैसे ही गयी तो मेरी नजर संतोष पर पड़ी। उसने भी मुझे देखा और खुशी से भागते हुए मेरे पास आया और बोला तुम भी आये हो और मुझे गले से लगा ली और बोला यार आज तो क्या माल लग रही हो?

  •  मैं बोली अच्छी नहीं लग रही हूँ क्या? संतोष बोला बम लग रही हो? फिर संतोष बोला चलो घूम कर आते है मैं बोली इतनी रात को कहाँ जाएंगे? वो बोला बहार घूम कर आते है। मैं समझ गई कि यह क्या चाहता है? मैं बोली ठीक है, खाना खाकर चलते है, वह बोला आकर खा लेंगे और हम बाहर निकल गए। खुली सड़क पर चलना शुरू कर दिया। थोड़ी दूर चलने पर एकदम सुनसान जगह मिलते ही मुझ  पर वह टूट पड़ा। मैं बोली ये क्या कर रहे हो? वह मेरी बात को अनसुना करते हुए वह बोला, जान तुम टेंशन मत लो, आज हम सुहागरात मनाएंगे। मैं बोली कुछ समझी नहीं कि तुम क्या कह रहे हो? वह बोला, यार बस तुम पार्टी के पीछे वाले कमरे के पास पहुंचे तो सब समझ जाओगी। फिर हम फार्म हाउस पहुंचते ही अलग हो गए। मैं सब से बचते बचते उस रूम के पास जाकर खड़ी हो गई। तभी किसी ने मुझे पीछे से जकड़ लिया। मैं समझ गई कि संतोष है मैं भी मदहोश होने लगी। मैं बोली सब कुछ यही करोगे क्या? मैं बोली छोड़ो भी अब बोलकर अपने आप को छुड़ाया? जैसे ही मैं पीछे मुड़ी तो देखते ही मेरे पैरों तले की जमीन खिसक गई क्योंकि वह संतोष नहीं था। वो अंकल थे, मैं तो शर्म से एकदम लाल हो गयी थी। मैं गुस्से में बोली अंकल ये क्या कर रहे थे, आपको शर्म नहीं आती? मैं आपकी बेटी जैसी हूँ अंकल बेशर्मी से बोले जो तुम जा रही थी मेरी जान और बोले बेटी जैसी हुई तो क्या हुआ? हो तो एकदम और माल। नहीं गुस्सा होकर जाने लगी। तब अंकल बोले उस लड़के के साथ को बीच सड़क पर मज़े कर रही थी और मेरे छूने पर इतना गुस्सा मैं समझ गई कि अंकल ने सब कुछ देख लिया है।फिर में थोड़ी सी ठंडी हुईं और बोलीं, आप क्या बोल रहे हो? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा। अंकल बोले ठीक है रहने दो, मैं तुम्हारे पापा को समझा दूंगा। ये सुनते ही मैं डर गई और बोली प्लीज़ अंकल। पापा को कुछ मत बताना। इस पर अंकल बोले ठीक है नहीं बोलूँगा पर तुम्हें मेरी एक बात माननी पड़ेगी। मैं बोली ठीक है, पर करना क्या होगा? अंकल बोले जो तुम उस लड़के के साथ करने वाली थी, वह अब मेरे साथ कर लो। मैं बोली आप क्या बोल रहे हो? मैं समझी नहीं ।अंकल बेशर्मी से बोले  मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ मैं बोली अंकल आप ये क्या बोल रहे हो? ये नहीं कर सकती। ये बोलकर मैं जाने लगी। तब अंकल बोले ठीक है, जाओ मैं तुम्हारे पापा से बात कर लूँगा। मैं यह सुनकर फिर से डर गई और बोली प्लीज़ अंकल ऐसा मत करो। वे बोले कभी नहीं बोलूँगा बस एक बार मुझे चोद लेने दो फिर  इसके बाद में कभी तेरे रस्ते में नहीं आऊंगा। बस एक बार में ना चाहते हुए भी मान गईं और बोली अंकल मुझे ये ठीक नहीं लग रहा है। अंकल बोले थोड़ी देर में सब ठीक लगने लगेगा। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये मेरे साथ क्या हो रहा है? मिल में किसी से आई थी और जा किसी और के साथ रही थी।

  •  अंकल बोले मेरे साथ चलो, मैं बोली कहा वे बोले बस साथ आओ, मैं अंकल के पीछे पीछे चल दी। हम एक कमरे के आगे जाकर खड़े हो गए। अंकल मैं पहले चारों तरफ देखा की कोई आ तो नहीं रहा। फिर अंकल ने जेब से चाबी निकाली और अंदर गए और मुझे जल्दी से अंदर खींचकर दरवाजा बंद कर लिया। जैसे ही मैं उस रूम में गयी, देखकर दंग रह गयी। ये तो दूल्हा दुल्हन के सुहागरात मनाने वाला कमरा था, एकदम मनमोहक सजावट थी मैं बोली अंकल यह तो दूल्हा दुल्हन के लिए है अंकल मुझे बोले हम भी तो वही काम करेंगे जान। 

  • फिर अंकल ने मुझे बेड पे लिटा लिया और मुझे चूमने लगे,में पूरी तरह से गरम हो ज्ञी थी मेरी चूत से पानी निकलने लगा था अंकल ने मेरा टॉप उतर के मेरी ब्रा भी उतर दी अब मेरे दोनों चूचे आजाद हो गये थे अंकल मेरे निप्पल को चूसने लगे और हथों से मेरे दूध दबाने लगे।मेरा हाल बेहाल हो रहा था मेरी चूत अब लंड पाने के लिये बेताब हो रहीं थी ,मेरी चूत से पानी निकलकर मेरी पेंटी गीली हो ज्ञी थी ,तभी अंकल ने मेरा शॉर्ट उतर दिया और पेंटी के अंदर से मेरी चूत में उँगली डाल दी ।आह आह करके मेरी आवाज़े आने लगी,मैंने अंकल से कहा अब रहा नी जा रहा जल्दी से अपना लंड डाल के मेरी चूत की आग को शांत करो ,अंकल ने अपनी पेंट उतार दी और अंडरवियर भी उनका लंड देख के में डर ज्ञी उनका लंड 7 इच का मोटा था मैंने सोचा आज तो ये मेरी चूत को फाड़ देगा ।फिर अंकल ने मेरी पेंटी भी उतर दी अब में पूरी तरह से नंगी हो ज्ञी थी मेरी चूत पे कोई भी बाल नहीं था ।अंकल ने मेरी दोनों टाँगे फैला दी और अपना लंड मेरी चूत के ऊपर रगड़ने लगे,मेरी चूत में आग लगी जा रहीं थी मैंने अंकल से कहा की अब अपना लंड मेरी चूत में डाल दो अंकल ने एक ही झटके में अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में डाल दिया आह आह आह आह करके मेरी चीखे निकल रहीं थी अंकल जोर जोर से मुझे चोद रहे थे मुझे बोहत आनंद आ रहा था आधे घण्टे चुदाई के बाद जब अंकल का माल गिरने वाला था तो उसने मुझसे पूछा की चूत के अंदर ही डाल दु माल , मैंने कह दिया अंदर ही डाल दो अब वो और जोर ज़ोर से चोदने लगे और सारा माल मेरी चूत के अंदर ही डाल दिया मेरी भी चूत की आग शांत हो ज्ञी थी ।अंकल ने कपड़े पहने और बाहर चले ज्ञे मैं भी कपड़े से अपनी चुत को साफ़ कर रही थी,  चुदाई करके बाहर जाने  के तुरंत बाद अंकल का फ़ोन आया। अंकल ने बोला जान जल्दी से निकलो, शादी खत्म हो गई, जल्दी से कपड़े पहनो और निकलो दूल्हा दुल्हन आने वाले है। मैंने जल्दी से स्कर्ट पहनी लड़खड़ाते रूम से निकल  गई।

  •  आगे की कहानी बाद में बताऊंगी कि इसके बाद मेरे साथ क्या हुआ। कहानी कैसी लगी? कहानी पसंद आयी तो comment करके जरुर बताए।मैं अपनी आगे की कहानी जल्दी ही डालूगी।

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